झारखंड में जमशेदपुर के एक परिवार के भाई-बहन ने लॉकडाउन में कसरत करने वाली साइकिल से जुगाड़ कर आटा चक्की बना दी. अब पूरे परिवार वाले कसरत के साथ-साथ गेहूं भी पीस लेते हैं. लॉकडाउन की वजह से लोग जिम नहीं जा सकते थे और घर पर बैठे-बैठे लोगों का वजन भी बढ़ रहा था. जिसको देखते हुए एक बहन और इंजीनियर भाई ने मिलकर साइकिल का अनूठा प्रयोग किया है.
लॉकडाउन में साइकिल को जोड़कर बनाई आटा चक्की, कसरत के साथ गेहूं पिसाई भी
लॉकडाउन के चलते बाजार बंद होने से उन्होंने घर में ही पड़े बेकार सामानों और कुछ कबाड़ के सामान से जुगाड़ कर साइकिल को आटा चक्की बना डाला. इसके लिए उन्होंने पिसाई मशीन को साइकिल से जोड़ दिया जिससे साइकिल चलने के साथ पिसाई मशीन भी चलती है. इस मशीन में सभी तरह के मसाले और अनाज आसानी से पिस जाता है.
इस मशीन में एक गोल आकार के बर्तन को जोड़ा गया है. उसमें पीसने वाले अनाज को डालकर साइकिल चलाई जाती है और साइकिल चलने पर अन्न पिस जाता है. इसके साथ ही जिम गए बिना ही लोगों की कसरत भी हो जाती है. इसके बनने के बाद अब मोहल्ले के लोग भी गेहूं पिसाने के लिए इनके पास आते हैं.
इंजीनियर मनदीप तिवारी का कहना है कि हमने एक आटा चक्की बनाई है. लॉकडाउन में घर पर बैठे-बैठे लोगों का वजन बढ़ रहा था और व्यायाम भी नहीं हो पा रहा था तो हमने घर पर पड़ी साइकिल को लिया और आटा चक्की तैयार कर साइकिल में जोड़ दिया. अब इस लॉकडाउन में हमारी एक्सरसाइज भी हो रही है और हम गेहूं भी पीस ले रहे हैं. दूसरी ओर बहन सीमा पाण्डे का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से कई दिनों से घर पर सभी लोग कैद हैं. भाई का वजन बढ़ रहा था वो जिम नहीं जा पा रहा था जिसे देखते हुए हम दोनों ने मिलकर इस तकनीक को तैयार किया है.
सीमा पाण्डे ने बताया कि जुगाड़ से साइकिल में छोटी सी चक्की फिट की है जो कि साइकिल चलाने पर पिसाई शुरू कर देती है. इसमें गेहूं, चावल और मसाला जैसी चीजों की हम पिसाई कर सकते हैं. इसके साथ ही साथ घर के सभी लोगों की साइकिल चलाकर एक्सरसाइज भी हो जाती है. इस तरह से घर पर ही जरूरी काम हो जाते हैं और लॉकडाउन में भी बाहर जाने की जरूरत नहीं होती है. ये मशीन आधे घंटे में डेढ़ किलो अनाज पीसती है. इसके लिए किसी तरह की बिजली या अन्य साधन की जरूरत नहीं है. यह पूरी तरह से स्वदेशी जुगाड़ मशीन है.
पड़ोसी रमाकांत तिवारी का कहना है कि मुझे हार्ट की बीमारी है. हम इस लॉकडाउन में बाहर टहलने नहीं जा सकते हैं. इस बीच इन लोगों ने घर पर पड़ी साइकिल का उपयोग कर एक आटा चक्की बना डाली है. मोहल्ले के लोग भी अब इस साइकिल पर बैठकर एक्सरसाइज करते हैं और इसके साथ घर का काम भी हो जाता है.
लॉकडाउन में साइकिल को जोड़कर बनाई आटा चक्की, कसरत के साथ गेहूं पिसाई भी
लॉकडाउन के चलते बाजार बंद होने से उन्होंने घर में ही पड़े बेकार सामानों और कुछ कबाड़ के सामान से जुगाड़ कर साइकिल को आटा चक्की बना डाला. इसके लिए उन्होंने पिसाई मशीन को साइकिल से जोड़ दिया जिससे साइकिल चलने के साथ पिसाई मशीन भी चलती है. इस मशीन में सभी तरह के मसाले और अनाज आसानी से पिस जाता है.
इस मशीन में एक गोल आकार के बर्तन को जोड़ा गया है. उसमें पीसने वाले अनाज को डालकर साइकिल चलाई जाती है और साइकिल चलने पर अन्न पिस जाता है. इसके साथ ही जिम गए बिना ही लोगों की कसरत भी हो जाती है. इसके बनने के बाद अब मोहल्ले के लोग भी गेहूं पिसाने के लिए इनके पास आते हैं.
इंजीनियर मनदीप तिवारी का कहना है कि हमने एक आटा चक्की बनाई है. लॉकडाउन में घर पर बैठे-बैठे लोगों का वजन बढ़ रहा था और व्यायाम भी नहीं हो पा रहा था तो हमने घर पर पड़ी साइकिल को लिया और आटा चक्की तैयार कर साइकिल में जोड़ दिया. अब इस लॉकडाउन में हमारी एक्सरसाइज भी हो रही है और हम गेहूं भी पीस ले रहे हैं. दूसरी ओर बहन सीमा पाण्डे का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से कई दिनों से घर पर सभी लोग कैद हैं. भाई का वजन बढ़ रहा था वो जिम नहीं जा पा रहा था जिसे देखते हुए हम दोनों ने मिलकर इस तकनीक को तैयार किया है.
सीमा पाण्डे ने बताया कि जुगाड़ से साइकिल में छोटी सी चक्की फिट की है जो कि साइकिल चलाने पर पिसाई शुरू कर देती है. इसमें गेहूं, चावल और मसाला जैसी चीजों की हम पिसाई कर सकते हैं. इसके साथ ही साथ घर के सभी लोगों की साइकिल चलाकर एक्सरसाइज भी हो जाती है. इस तरह से घर पर ही जरूरी काम हो जाते हैं और लॉकडाउन में भी बाहर जाने की जरूरत नहीं होती है. ये मशीन आधे घंटे में डेढ़ किलो अनाज पीसती है. इसके लिए किसी तरह की बिजली या अन्य साधन की जरूरत नहीं है. यह पूरी तरह से स्वदेशी जुगाड़ मशीन है.
पड़ोसी रमाकांत तिवारी का कहना है कि मुझे हार्ट की बीमारी है. हम इस लॉकडाउन में बाहर टहलने नहीं जा सकते हैं. इस बीच इन लोगों ने घर पर पड़ी साइकिल का उपयोग कर एक आटा चक्की बना डाली है. मोहल्ले के लोग भी अब इस साइकिल पर बैठकर एक्सरसाइज करते हैं और इसके साथ घर का काम भी हो जाता है.
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